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तेरा नाम क्यों है ये बता (ग़ज़ल) -कैलाश सोनी 'सार्थक'


जिंदगी मेरी यहाँ बेदाम क्यों है ये बता
और तू बदनाम तेरा नाम क्यों है ये बता

हम वफ़ा ईमान को माने तो हमको ग़म मिले
तेरे हिस्से हर खुशी आराम क्यों है ये बता

ज़ीस्त का हर खेल जीता पूछता कोई नहीं
हारा तू सौ बार ये ईनाम क्यों है ये बता

तेरी तो शामो सहर रंगीनियों से चूर है
ग़म से ही बोझिल हमारी शाम क्यों है ये बता

एक सी है जिंदगी केवल मुक़द्दर है अलग
खास कोई है तो कोई आम क्यों है ये बता

खूबसूरत तन मिला 'सोनी'हमें भी ईश से
हर जगह तेरा ही एहतराम क्यों है ये बता

-कैलाश सोनी 'सार्थक', नागदा

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