Subscribe Us

बड़ा याद आते हैं (ग़ज़ल)


जो शातिर बड़े थे जवाबात में।
वही खो गये अब सवालात में।

किसी और जानिब नहीं मन लगे,
सनम ही बसा जब ख़यालात में।

जिन्हे भूलने की करें कोशिशें,
बड़ा याद आते हैं वो रात में।

जो बौछार गोली की करते थे कल,
वही दिख रहे अब हवालात में।

हमेशा चले राह सीधी सरल,
न उलझे कभी भी ख़ुराफात में।

-हमीद कानपुरी,कानपुर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ