✍️हमीद कानपुरी
बीमार हूँ लेकिन अभी लाचार नहीं हूँ।
पायल की तेरी मैं कोई झंकार नहीं हूँ।
संसार को खबरों से करूँ रोज़ ही आगाह,
टीवी हूँ नये दौर का अखबार नहीं हूँ।
हरसाँस में शामिल मैं रहाजिसकीरोजोशब,
अब उसकी कहानी का मै किरदार नहीं हूँ।
लोगों के मैं झांसे में यूँ आ जाता हूँ अक्सर,
दुनिया की तरह का अभी मक्कार नहीं हूँ।
साहिल का नहीं साथ मैं छोड़ूंगा कभी भी,
दरिया का किनारा हूँ मैं मझधार नहीं हूँ।
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