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दुनिया की जंग-कोरोना के संग


 
*अलीहसन मकरैंडिया


कोरोना है छुआछूत की,
जानलेवा बीमारी !
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


चीन देश-वुहान शहर से रिपु
जैविक रूप में आया,
सकल विश्व के लोगों से फिर
हाहाकार मचवाया !
सब देशों ने घुटने टेके,
है बिन दवा लाचारी !! 1 ।।
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


ग्राम-नगर पसरा सन्नाटा,
फ़िल्म हॉल सब बन्द हुए,
अर्थ व्यवस्था चौपट हो गयी,
स्कूल, मॉल सब बन्द हुए !
बन्द हैं मन्दिर, मस्जिद, गिरजा,
वायरस सब पर भारी !! 2।।
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


जिंदा जीवों को खाने पर, 
कुदरत-कहर जरूरी था,
प्रकृति हित खुद विकराल रूप
दिखलाना मजबूरी था !
भूल गए सब अहंकार में,
प्रकृति है सब पर भारी !! 3।।
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


देवदूत हैं नर्स, चिकित्सक
जोकि धरा के हैं भगवान,
पुलिस, सफाई, विद्युत कर्मी
सबको देते जीवन दान !
करें दिल से इनकी इज़्ज़त,
हैं सम्मान के अधिकारी !! 4 ।।
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


दो गज दूरी मूल मंत्र है,
संक्रमण चेन को तोड़ें ,
हाथ धुलें साबुन से मल-मल,
मास्क से नाता जोड़ें !
जरूरी काम से बाहर निकलें,
खुद समझे जिम्मेदारी !! 5 ।।
बचना इससे दुनिया वालों,
फैली है महामारी !!


रोग निवारण करें योग से,
संध्या-वंदन जाप करें,
घर मे करें हवन, व्रत, रोज़े,
दुखियों के संताप हरें !
पढ़ें नमाज़े घर मे रहकर,
'हसन' रहेगा आभारी !! 6 ।।
बचना इससे दुनिया वालों
फैली है महामारी ।।


*अलीहसन मकरैंडिया,
गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश)


 


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