मध्यप्रदेश लेखक संघ उज्जैन ने किया गीत-ग़ज़ल गोष्ठी का आयोजन
उज्जैन। कवि और गीतकार बहुत भाग्यशाली होते हैं क्योंकि गीत लिखने के लिए उन्हें ईश्वर प्रदत्त प्रतिभा मिली होती है और साथ ही सरस्वती माता का वरदान मिला होता है, इसीलिये मंच से जब वे कविता पाठ करते हैं तो उन्हें सुनने के लिए सामने श्रोताओं की भारी भीड़ होती है। गीत संक्षिप्त होते हैं, मगर उनकी ताकत बहुत बड़ी होती है। गीत में भावानुभूति और संगीतात्मकता होना चाहिए। शास्त्रीय ज्ञान और निरंतर अभ्यास से आप गीत लेखन में निष्णात हो सकते हैं।
ये विचार मध्यप्रदेश लेखक संघ उज्जैन की प्रेस क्लब में आयोजित गीत गजल गोष्ठी में सारस्वत अतिथि वरिष्ठ मालवी कवि डॉ. शिव चौरसिया ने व्यक्त किये। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए मध्यप्रदेश लेखक संघ उज्जैन के अध्यक्ष प्रो. हरिमोहन बुधौलिया ने कहा कि ऐसी गोष्ठियों से नवीन रचनाओं का सृजन रचनाकार करता है। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रीकृष्ण जोशी और विशिष्ट अतिथि प्रख्यात संस्कृत कवि डॉ. तुलसीदास परोहा एवं वरिष्ठ कवयित्री डॉ. उर्मि शर्मा थी।
गीत ग़़ज़ल गोष्ठी में कवयित्री सुश्री शारदा श्री, डॉ. पुष्पा चौरसिया, डॉ. स्वामीनाथ पांडेय, सुगनचंद जैन, डॉ. रफीक़ नागौरी, डॉ. रमेश चांगेसिया प्रभात, डॉ. अखिलेश चौरे, कमलेश व्यास कमल, आशीष श्रीवास्तव अश्क, प्रफुल्ल शुक्ल, डॉ.सुरेश यादव सुबोध, संदीप सृजन, राजेश चौहान राज, श्रीमती संगीता तल्लेरा, डॉ. उर्मि शर्मा, एस.एन.गुप्ता, सूरज उज्जैनी ने रचना पाठ किया, जिसे उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा। आरम्भ में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप आलोकन कर अतिथियों ने किया। अतिथि स्वागत मध्यप्रदेश लेखक संघ उज्जैन के सचिव डॉ. हरीशकुमार सिंह , संयोजक डॉ. राजेश रावल सुशील, मुकेश जोशी, संदीप सृजन आदि ने किया। गोष्ठी में वरिष्ठ कवि अशोक भाटी, विनोद काबरा, श्रीमती माया बदेका शुभम शर्मा, राकेश जैन, अनिल पांचाल आदि उपस्थित थे। सञ्चालन डॉ. राजेश रावल सुशील ने किया और आभार डॉ. हरीशकुमार सिंह ने व्यक्त किया।


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