आज नहीं तो कल फिर गुल यूं खिलेंगे दरख़्तों की कोख में सांस लेते नवजात पलेंगे कुदाली को हत्थे पर होगा अफसोस एक दिन करतूत पर खुद की फिर आंसुओं के झरने ब…
हिन्दी साहित्य के इतिहास में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक श्री सुमित्रानंदन पंत का जन्म आज़ के उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले के क…
पंडित नरेन्द्र शर्मा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की नींव के उन पत्थरों में से एक हैं जिन पर आज तक यह इंडस्ट्री टिकी हुई है। अक्सर बुनियादें भुला दी जाती है…
हिन्दी साहित्य में कहानी विधा को समृद्ध करने वाली मूर्धन्य लेखिका श्रीमती मालती जोशी का 15 मई 2024 बुधवार को 90 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया । हिन्…
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई विशेष हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ती जानलेवा बीमारियों की जननी है, जिससे लाखों लोगों की स…
हमने कब चाहा, हमारी ख़ातिर वक़्त ही ठहर जाए कब चाहा हमनें, हमारी बात तसल्ली से सुनी जाए चौराहे पर खड़े हो ख़ुद को कई बार तन्हा महसूस किया किससे कह…
एक स्त्री के वैचारिक गर्भ में अंकुरित होता है परिवार का पहला बीज एक स्त्री अपने मन के गर्भनाल से जोड़कर चलाती है परिवार की सांसें एक स्त्री बचपन मे…
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