म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र को आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्र ने दी श्रद्धांजलि

पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र को आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्र ने दी श्रद्धांजलि


पद्म विभूषण सहित भारतीय संगीत जगत के सर्वोच्च सम्मानों से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र जी का 2 अक्टूबर 2025 को मिर्जापुर में निधन हो गया। उनका चले जाना भारतीय संगीत परम्परा की एक बड़ी क्षति है। पंडित मिश्रा के निधन पर आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्र ने पंडित छन्नूलालमिश्र जी की बेटी डॉ नम्रता मिश्र को लिखे संवेदना पत्र में लिखा कि स्वर्गीय पंडित छन्नूलाल मिश्र जी से मेरा साक्षात्कार केवल एक बार ही हुआ था जब भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् के महानिशेक के रूप में 2019 में वाराणसी यात्रा के बीच पंडित जी के प्रति उनकी अप्रतिम भारतीय संगीत साधना और संस्कृति की आजीवन सेवा के लिए कृतज्ञता और आभार व्यक्त करने गया था।

श्री मिश्र ने लिखा कि संगीत की अनेक विधाओं और विविध कथ्य-विषयों पर उनकी अदभूत पकड़ थी तथा तुलसी-कबीर की रचनाओं; हिंदी, भोजपुरी, अवधी, ब्रजभाषा के साहित्य तथा शिव-राम और कृष्ण भक्ति भावनाओं को जनसामान्य के कल्याण के लिए प्रस्तुत करने में निपूण थे। उनके दोहे-चौपाइयों के साथ चैती, कजरी, होरी आदि के टुकड़े भी सस्वर सुनने का सौभाग्य मिल गया। वे मधुर स्वर अभी तक अतःकरण में संचित है। उनकी दार्शनिकता, उनका लोकसाहित्य का गम्भीर ज्ञान रहा है। पंडित छन्नूलाल मिश्र जी जब अपनी मस्ती में रमकर "स्वान्तः सुखाय" जब भी गाते थे - चाहे अवधी, हिंदी, भोजपुरी, ब्रज या संस्कृत में, चाहे कबीर, तुलसी, रविदास की रचनाओं या लोकगायिकों की पारम्परिक क्षेत्रीय कृतियों को आधार बनाये; चाहे किसी भी रस (श्रृंगार-लास्य, हास्य-करुण, रौद्रवीर और वीभत्स आदि) को मूल मानकर आरम्भ करें, धीरे-धीरे अंदर डूबते-डूबते सभी अन्ततः एकरस और एकभाव, भक्तिमय हो जाते थे।

श्री मिश्र ने पत्र में लिखा कि सभी भारतीयों विषेशतः बनारस के संगीत प्रेमियों की ओर से, जिनके सबके लिए पंडित छन्नूलालमिश्र जी' अपने परिवार के सदस्य जैसे ही थे', उनकी स्मृति-शेष और प्रेरणास्पद अक्षयकीर्ति को सादर प्रणाम और हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

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