म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा प्रादेशिक लोकभाषा कहानी,लघुकथा गोष्ठी आयोजित

मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा प्रादेशिक लोकभाषा कहानी,लघुकथा गोष्ठी आयोजित

भोपाल। मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा प्रादेशिक लोकभाषा कहानी, लघुकथा गोष्ठी का आयोजन रविवार, 28 सितम्बर 2025 को दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी नगर, भोपाल में हुआ।
भोपाल की वरिष्ठ कहानीकार और मुख्य अतिथि डॉ संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि कहानी को पाठकों के दिल तक उतरना उसे कालजयी बनाता है। लेखक की दृष्टि एक अन्वेषक की तरह होना ज़रूरी है। उसकी कलम को मानवता से रिश्ता बनाना ही होगा, कहानी अपने आप पाठको तक पहुंचेगी। वहीं सारस्वत अतिथि एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ स्वाति तिवारी ने कहा कि अच्छा साहित्य मन की गहराइयों से निकलता है और दिलों को स्पर्श करता है वह मात्र क्षणिक उत्तेजना नहीं होता वह अंतर्मन की आवाज होता है। गोष्ठी में वरिष्ठ लघुकथाकार और निदेशक लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक कान्ता राय ने कहा कि, गद्य में कम शब्दों में ह्रदय में गहरी छाप छोड़ने वाला सन्देश होता है जो श्रोताओं को सोचने पर मजबूर करता है। उन्होंने बताया कि लघुकथा और व्यंग्य में बहुत महीन अंतर होता है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र गट्टानी ने कहा कि आज की इस गोष्ठी में तीनों विधा विशेषज्ञों से सृजन के जिन सूक्ष्म विंदुओं को इंगित किया है, उन पर ध्यान देकर हम अपने सृजन को सर्वग्राही,रोचक और सार्थक बना सकते हैं।
गोष्ठी में वरिष्ठ कहानीकार मनोरमा पन्त ने पहाड़ों पर बादल फटने की विभित्सिका पर अच्छी कहानी सुनायी। वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बेचारे पुलिस वाले, अवनिन्द्र खरे ने बड़े बाबू, जया आर्य ने यशोदा माँ, संतोष परिहार ने नेह के बंधन , डॉ. मौसमी परिहार ने दो लघुकथाएं इंसान और पतितपावन, संत कुमार संत ने हम आज़ाद हैं और तर्पण , खण्डवा से आईं रश्मि दीक्षित ने गुलमोहर, आनंदकुमार तिवारी ने नाटक एवं घनश्याम मैथिल ने धुंआ धुंआ जिंदगी,चिंता और डर लघुकथाएं पढ़ीं। कार्यक्रम का प्रारंभिक संचालन करने वाले मनीष श्रीवास्तव बादल ने अपनी तीन लघुकथाओं, ज़मीर, हिट कवि और तपस्या में समस्या का वाचन किया एवं गोष्ठी का संचालन कर रही डॉ. अनीता सिंह चौहान ने कहानी बचा हुआ ईमान सुनाई। स्वागत उद्बोधन प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि श्रृंगारी ने दिया और अंत मे आभार कोषाध्यक्ष सुनील चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।

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