Subscribe Us

काव्य कुँअर और काव्य दीप सम्मान समारोह सम्पन्न

साहित्यकार होने की पहली शर्त बेचैन होना है- श्री कोकजे
शब्दों की आराधना है कवि सम्मेलन - शशिकान्त यादव

इन्दौर। कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष में डॉ. कुँअर बेचैन जी की जन्म जयंती के निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान व डॉ. कुँअर बेचैन स्मृति न्यास, ऑस्ट्रेलिया द्वारा काव्य कुँअर व काव्य दीप सम्मान समारोह का आयोजन सोमवार को श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिती में सम्पन्न हुआ।

आयोजन के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि शशिकान्त यादव जी, इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी रहे। अतिथि स्वागत डॉ. पद्मा सिंह, अरविंद जवलेकर, डॉ. नीना जोशी, नितेश उपाध्याय, गोपाल गर्वित व अवनीश पाठक ने किया। स्वागत उद्बोधन डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ ने दिया।

कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कवि सरोज कुमार जी को स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही कुँअर बेचैन जी की पुस्तक पिन्स वेरी मैनी का विमोचन भी हुआ। मुख्य अतिथि विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि ‘साहित्यकार होने की पहली शर्त बेचैन होना है, जब तक आपके अंदर से बेचैनी, तड़प नहीं होती, तब तक अच्छा साहित्य नहीं गढ़ा जा सकता।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘टेक्नोलॉजी के युग में कवि और साहित्यकारों को तकनीक से जुड़ना चाहिए।'

शशिकान्त यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि 'कवियों में संत के रूप में कुँअर बेचैन सदैव याद किए जाएँगे। और कवि सम्मेलन शब्दों की आराधना है।' इस अवसर पर मंचीय कवियों में बड़वानी से नितेश कुशवाह, मनावर से प्रद्युम्न शर्मा भानु, उज्जैन से श्रीकांत सरल, सीधी से शशांक मिश्रा अंकुर, भीकनगाँव से कृष्णपाल राजपूत, शाजापुर से अमन जादौन, इन्दौर से लव यादव, ब्रजेश मस्ताना, आकाश यादव, रिया मोरे, सचिन राव विराट, शिवम सिंह, रायसेन से नितेश व्यास, देवास से सक्षम राहुल, ओंकारेश्वर से शारदा ठाकुर, बड़ूद से पारस बिरला, देपालपुर से पृथ्वीराज वंशलेखक, गौतमपुरा से रुद्रांश राव और सुसनेर से हरिओम शर्मा काव्य दीप सम्मान से सम्मानित किया गया।

काव्य कुँअर में कवियों ने काव्य पाठ भी किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अखिलेश राव ने व आभार पंकज प्रजापति ने माना। आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार राकेश शर्मा, कीर्ति राणा, चंद्रशेखर शर्मा, जय सिंह रघुवंशी, अमन अक्षर, उमेश पारेख, गौरव साक्षी,अमित अभ्यंकर आदि सुधिजन मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ