म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

जिसका ऊँचा बड़ा घराना है (ग़ज़ल) - हमीद कानपुरी


आज उस पर लगा निशाना है।
जिसका ऊँचा बड़ा घराना है।

साथ मिलकर सभी बढ़ें आगे,
मुल्क अच्छा अगर बनाना है।

बुग़्ज़कीना की बाँधकर गठरी,
जा के गहरे कहीं दबाना है।

डाल कर फूट राज करने का,
ढंग यारो बहुत पुराना है।

बे दिली से नहीं लड़ो हरगिज़,
जंग को जीतकर जो आना है।

-हमीद कानपुरी,मीरपुर,कैण्ट, कानपुर 


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