भोपाल। विश्वविद्यालयों से एक आम आदमी को बहुत उम्मीद होती है यह शिक्षा के केंद्र ही नहीं हमारे प्रकाश स्तंभ भी हैं परंतु यहाँ की असल स्थितियाँ कितनी दुरूह हैं इन सबका रोचक वर्णन है डॉ विनोद सक्सेना की कृति ‘प्रोफ़ेसर पाण्डे' यह उदग़ार हैं डॉ रेणु गुप्ता कुलपति देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर के जो हिन्दी भवन भोपाल के महादेवी वर्मा कक्ष में आयोजित कृति लोकार्पण आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ शिक्षाविद् और पूर्व सलाहकार राज्यपाल प्रोफ़ेसर राजपाल सिंह ने कहा कि लेखक की कृति पढ़कर लगा कि लेखक विद्वान् ही नहीं बलवान भी है जिन्होंने इतने संघर्षों के बाद विश्वविद्यालय में शिक्षा का वातावरण तैयार किया। कार्यक्रम में लेखक डॉ विनोद सक्सेना ने अपनी कृति से जुड़े रोचक संस्मरण प्रस्तुत करते हुए अपनी लेखन यात्रा से पाठकों को परिचित करवाया।
आयोजन में विशिष्ठ अतिथि डॉ वीणा सिन्हा ने संस्मरण कृति को विविधता से भरी पाठकों के मन में उतर जाने वाली कृति निरूपित किया। कृति केंद्रित समीक्षा श्रीमती अनीता सक्सेना ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर स्वागत उदबोधन सुरेश पटवा ने दिया । कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल अमृत ने किया । कार्यक्रम के अंत में विनोद कुमार जैन ने उपस्थितजनों का आभार प्रकट किया।
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