Subscribe Us

जात आज भी याद रखी


आजादी मनाली सभी ने
तारीखे भी याद रखी
ये समाज में ही रहते है क्या लोग
जिन्होंने जात आज भी याद रखी

मानवता का न पर्दा रखा
ना संस्कारों की एक बात सुनी
ये समाज में ही रहते है क्या लोग
जिन्होंने सब पर बंधन बांधे
और खुद कैदी उनकी सोच हुई

आजादी मनाली सभी ने
तारीखे भी याद रखी
ये समाज जात वालो का ही अलग कर दो ना
जिन्होंने जात आज भी याद रखी

कितने प्रेमियों का खून हुआ
कितने जिंदगी को ही वंचित रहे
जब नही किया कुदरत ने कोई भेद
ना कोई बंधन या शर्ते रखी
ये समाज में क्यू बसर करते है ऐसे लोग
जिन्होंने जात आज भी याद रखी !

-सोमी खेमसरा ,खाचरोद , मध्य प्रदेश

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ