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देख बड़े दिल वाले हैं हम (कविता)



[क्रिकेट जीत पर पाक को संदेश देती कविता]

देख बड़े दिल वाले हैं हम
शांति के रखवाले हैं हम
खेल खेल में खेल जीत गए
मन जीतने वाले हैं हम।

तुम जब मेरे घर आते हो
कितना रखते ध्यान तुम्हारा
करते दरकिनार उत्छृंखलता
जैसे छोटा भाई हमारा
जाना कैसे मतवाले हैं हम ।

जपते हो तुम उल्टी माला
तुमने कैसा भ्रम जो पाला
अब तो हटा दो बहुत हो गया
पड़ा हुआ जो आंख में जाला
दिन के देख उजाले हैं हम।

यथा नाम तथा कुछ रह ले
पवित्र मन से तो कुछ कह ले
धोखा मक्कारी‌ में क्या रक्खा
प्रेम की धारा में अब बह ले
अमृत भरे प्याले हैं हम ।

देख बड़े दिल वाले हैं हम।
शान्ति के रखवाले हैं हम।।

- व्यग्र पाण्डे, गंगापुर सिटी (राज.)


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