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बुज़ुर्ग नहीं ये बरगद हैं


बुज़ुर्ग नहीं ये बरगद हैं
विशाल और स्नेहिल इनका मन है
इनकी छाँव में आपको सुकून मिलेगा
क्योंकि इनके पास अनुभव और 
आशीष का असीम धन है।
इनके होने से घरों में खुशहाली होती है,
जब पूरा परिवार साथ होता है तो
हर दिन दीवाली होती है।
जीवन भर की पूँजी ये हम सब पर लुटाते हैं,
अपने साथ ये कुछ भी नहीं ले जाते हैं।
इन्हें थोड़ा समय और प्रेम देकर
तो देखिए,
फिर उनके चेहरे की 
मुस्कुराहट को जी भर के देखिए।
ये आपको हर मुश्किलों से
महफ़ूज रखेंगें,
"ये बरगद है साहब" आपको
बहुत मजबूत रखेंगें।

-सपना परिहार, नागदा ज. (म.प्र.)


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