उज्जैन शहर के साहित्यकारों ने किया मालवी बोली में काव्यपाठ और संवाद
उज्जैन। मध्यप्रदेश संस्कृति संचालनालय द्वारा 14-15 सितंबर 2025 को रवींद्र भवन, भोपाल में दो दिवसीय भारतीय मातृभाषा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। संस्कृति विभाग, साहित्य अकादमी एवं अन्य संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अनुष्ठान का शुभारंभ 14 सितंबर को पद्मश्री विष्णु पंड्या पूर्व अध्यक्ष गुजरात साहित्य अकादमी अहमदाबाद की अध्यक्षता एवं इंदर सिंह परमार मंत्री उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। हिंदी एवं लोक भाषाओं के प्रचार-प्रसार एवं उन्नयन के लिए निरंतर प्रयासरत साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे के सद्प्रयासों से हुए इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान में हिन्दी भाषा एवं लोक बोलियों के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के प्रयासों पर सार्थक चर्चा की गई।
साहित्य के साथ परिवार, समाज, शिक्षा, नारी, पर्यावरण आदि विषयों पर विभिन्न सत्रों में उपस्थित साहित्यकारों ने अपने-अपने विचार रखे। आयोजित भारतीय लोकभाषा कवि सम्मेलन में संस्कृत, मराठी, सिंधी एवं उर्दू के साथ-साथ प्रदेश की अन्य बोलियों को भी सम्मिलित किया गया। जिसमें मालवा प्रांत की लोकभाषा मालवी का प्रतिनिधित्व करने के लिए नगर से मालवी की वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती माया मालवेंद्र बदेका, अटल स्तम्भ के साहित्य संपादक युवा कवि संदीप सृजन एवं लोकभाषा की राष्ट्रीय त्रैमासिक पत्रिका संस्कृति संवाद के संपादक डॉ. राजेश रावल सुशील ने अपनी मीठी बोली मालवी की प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया ।
इस अवसर पर उज्जैन से वरिष्ठ लघु कथाकार श्रीमती मीरा जैन, मालवी माच के निर्देशक सुंदरलाल मालवीय, जगर-मगर पत्रिका की संपादक श्वेतिमा निगम, वरिष्ठ मालवी कवयित्री श्रीमती संगीता तल्लेरा, गीतकार राजेश चौहान राज, ओजस्वी युवा कवि हाकम पांचाल अनुज, शुभम शर्मा, कवियत्री निशा पंडित, गोपाल गर्वित, श्यामलाल चौधरी, डॉ रमेश चांगेसिया एवं नंदकिशोर पांचाल सहित 25 साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई और विभिन्न सत्रों में अपने विचार भी व्यक्त किए।
अनुष्ठान का समापन सत्र 15 सितम्बर को मध्यप्रदेश के यशस्वी और लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी, लोकनिर्माण मंत्री राकेश सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। इस महत्वपूर्ण सत्र में 10 मूर्धन्य हिंदी सेवियों को अन्तरराष्ट्री और राष्ट्रीय हिन्दी भाषा सम्मान से अलंकृत किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जैसे मां के चरणों में चारधाम होते हैं, वैसे ही मातृभाषा की गोद में आनंदधाम होता है। डॉ. यादव ने आभार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वैश्विक मंचों पर हिन्दी का मान बढ़ाया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न साहित्यिक पुस्तकों का विमोचन व लोकार्पण भी किया। विक्रमोत्सव-2025 का चयन एशिया के शासकीय समारोह की विशेष श्रेणी में हुआ था। अतः आज वॉव अवॉर्ड एशिया की टीम द्वारा डॉ. यादव को सम्मान-स्वरूप गोल्ड अवॉर्ड भेंट किया गया। इस अवसर पर रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (आरएनटीयू) के विश्व हिन्दी ओलंपियाड एवं विश्वरंग के पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया।



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