Subscribe Us

मैं भारत की बेटी हूँ


संस्कारों की नीव जमाती
हर पल आगे बढ़ती जाती ,
वेद ऋचाओं में भी मैं हूँ
आज गगन में पैर जमाती ,
नहीं किसी से हेठी हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ ।

मात पिता की सेवा करती
सास ससुर के मन भाती,
नन्हे -नन्हे कोमल मन पर
ममता का संसार लुटाती ,
ज्ञान दीप की ज्योति हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ ।

धरती,अम्बर और अनल तक
विजय ध्वज मैंने फहराया ,
लक्ष्मी ,सरस्वती और पार्वती
देवी जैसा मान भी पाया ,
ममता की अनुभूति हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ ।

सीता जैसी पतिव्रता हूँ
राधा जैसी प्रेम दीवानी,
जब-जब संकट पड़ा देश पर
लक्ष्मी हूँ झाँसी की रानी ,
अंग्रेजों की काल कटी हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ ।

इंदिरा जैसी सत्ता शीर्ष पर
कल्पना सी पहचान बनी हूँ,
साहित्य में महादेवी हूँ
हर घर की मैं रानी हूँ,
शिक्षा के दीप जलाती हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ ।

-डॉ अ कीर्तिवर्धन, मुजफ्फरनगर


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ