हिंदी दिवस के उपलक्ष में विश्व मैत्री मंच की दिल्ली इकाई पर ऑनलाइन बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष डाॅ भावना शुक्ला और मुख्य अतिथि सरोज गुप्ता जी थी। अर्चना पांडेय द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद सुषमा भंडारी जी ने राजस्थानी सरस्वती वंदना बहुत ही सुमधुर स्वर में गाई। संतोष श्रीवास्तव जी ने अपने स्वागत भाषण में संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि " संस्था उन प्रतिभागीयो को मंच प्रदान करने का प्रयत्न करता है जिन्हें ये अवसर प्राप्त नही होता। इसके उपरान्त सुषमा जी के कुशल संचालन में संतोष श्रीवास्तव जी,डाॅ शुभ्रा जी, नीलम दुग्गल जी, वीणा अग्रवाल जी, डाॅ दुर्गा सिन्हा जी , डाॅ भावना शुक्ला जी, सुरेखा जैन जी ,डाॅ सरोज गुप्ता जी,शकुन्तला जी ,पूनम गुप्ता जी, वंदना जी, पुष्पा सिन्हा जी, डाॅ कल्पना पांडेय जी, राधा गोयल जी , अंजू जैमिनी जी , शारदा मितल जी , अर्चना पांडेय आदि ने हिन्दी और प्रांतीय भाषा में काव्य पाठ करके सबका मन मोह लिया। अध्यक्ष भावना शुक्ला जी ने अपने उदबोधन में कहा कि ," ज्येष्ठा हिन्दी वंचिता देती है धिक्कार आजादी के बाद भी मिला नही अधिकार" मुख्य अतिथि सरोज गुप्ता जी ने कहा कि ," हिन्दी के अतिरिक्त भी दूसरी भाषाओं की कविताएँ सुनकर मन आत्मविभोर हो गया"। संतोष श्रीवास्तव जी ने आभार एवं समापन किया और कहा कि," विभिन्न बोलियों की ऐसी गंगा बही कि सब उसमें डूबते-उतरते गए।
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