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हिंदी के बढ़ते चरण



✍️प्रो.शरद नारायण खरे

हिंदी का यशगान हो,हिंदी का सम्मान।

हिंदी का गुणगान हो,हिंदी का उत्थान ।।

14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया और सन 1950 में सविधान के अनुच्छेद 343 (1) के द्वारा हिंदी के देवनागरी लिपि को राजभाषा का दर्जा दिया गया | हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए सन 1953 से 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा |
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रति जागरूकता पैदा करने और हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व हिंदी सम्मलेन जैसे समारोह की शुरुआत की गयी | 10 जनवरी 1975 को नागपुर से शुरू हुआ यह सफ़र आज भी जारी है | अब इस दिवस को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है |
हिंदी का प्रचार प्रसार और लोकप्रियता पुरे विश्व में इस कदर बढ़ा है कि हिंदी भाषा आज भारत ही नही पुरे विश्व में एक विशाल क्षेत्र और जनसमूह की भाषा है | 1952 में हिंदी भाषा प्रयोग होने वाली भाषाओ में पाचवें स्थान पर थी | 1980 के आस पास वह चीनी व अंग्रेगी के बाद तिसरे  स्थान पर आ गयी | 1991 में पाया गया की हिंदी बोलने वालों की संख्या पुरे विश्व में अंग्रेगी बोलने वालों की संख्या से अधिक है जो माध्यम वर्ग के लोगो में फैली है | इस मध्यम लोगो का भी आज विश्व में भागीदारी बढ़ी है जिससे अपने माल के प्रचार प्रसार , गुणवत्ता आदि के लिए हिंदी भाषा को अपनाना बहुराष्ट्रीय कंपनियों की विवशता है और उनकी यही विवशता आज हिंदी के प्रचार प्रसार और लोकप्रिय होने की शक्ति बन गयी है  |
1990 में बहुराष्ट्रीय कंपनिया भारत आई जो अंग्रेजी भाषा लेकर आई , मीडिया में स्टार चैनल , सोनी चैनेल अंग्रेगी भाषा में अपने कार्यक्रम ले आये | लेकिन इन्हें भी अपने दर्शक बढ़ाने व मुनाफा कामने के लिए हिंदी के तरफ मुड़ना पड़ा | आज टीवी चैनलों एवं मनोरंजन की दुनिया में हिंदी सबसे अधिक मुनाफे की भाषा है |
आज हिंदी की लोकप्रियता इतनी बढ़ गयी है कि 40 से आधिक देशो के 600 से अधिक विश्वविद्यालयों और स्कूलों में हिंदी पढाई जा रही है | मारीशश में 1950 से ही हिंदी पढ़ाया जाता है | फिजी में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी बाह्य परीक्षाओ में हिंदी एक विषय के रूप में पढाई  जाती है | श्रीलंका में भी हिंदी पढ़ाई जाती  है | ब्रिटेन , कैम्ब्रिज तथा न्यूयार्क के विश्वविद्यालय में भी हिंदी पठन –पाठन की व्यवस्था है | अमेरिका के येन विश्वविद्यालय में 1815 से ही हिंदी की व्यवस्था है वहाँ 30 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी पाठ्यक्रम आयोजित किया जाता है | यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टइन्डीस में हिंदी पीठ स्थापित किया गया है | गुयाना के विश्वविद्यालयों में बी ए स्तर तक हिंदी का पठन – पाठन होता है | फ्रांस , इटली , स्वीडन आस्ट्रिया , डेनमार्क , जर्मन , रोमानिया , बुल्गारिया ,नार्वे इत्यादी देशो में हिंदी अध्ययन – अध्यापन की व्यवस्था है |
विदेशो में 25 से अधिक पत्र – पत्रिकाएं लगभग नियमित रूप से हिंदी में प्रकाशित होती है | यु ए इ के ’ हम ‘ एफ एम सहित अनेक देश जैसे बी बी सी लन्दन , जर्मनी के डायचे वेले , जापान के एन एच के वर्ल्ड और चीन के चाइना रेडिओ इन्टरनेशनल हिंदी में प्रसारित हने वाले कार्यक्रम है |
हिंदी का प्रसार , लोकप्रियता जिस तरह से बढ़ी है,उसी के कारण आज हिंदी विश्व की दूसरी सर्वाधिक बोलने वाली भाषा बन गयी है।आशा है कि बहुत शीघ्र ही यह विश्व भाषा के रूप में उभरेगी ।

हिंदी तो अब बन गई,जैसे हो आदित्य।

प्रचलन बढ़ता जा रहा,सम्मानित साहित्य।।

 

*मंडला(मप्र)

 


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