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ये मिट्टी नही हमारी माता है




✍️प्रशान्त शर्मा


एक ही भूल हर बार करते हैं 

दुश्मनों पर ही एतबार करते हैं 

 

चलो आज हदें पार करते हैं 

अपनी ज़दें पार करते हैं 

 

फिर ताक में बैठा है दुश्मन

आओ सरहदें पार करते हैं 

 

आस्तीनों में ही पलते रहे वो

जो छुपकर वार करते हैं 

 

ये मिट्टी नही हमारी माता है

हम इसी से तो प्यार करते हैं 

 

जान लो हमारी जान है तिरंगा 

हम इसी पर जां निसार करते है 

 

*चौरई , छिंदवाड़ा , म प्र

 


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