✍️मच्छिंद्र भिसे
आजादी जश्न मनाओ भैया,
आज ईद-दिवाली है
जन मन में तिरंगा फहरें
खुशियाँ बहारें लायी है!
केसरिया गगन है चमके
सूरज ने ली अंगड़ाई है
वीरों के लहू अर्पण से
एकता सुबह आयी है!
आजादी की पवन बहे
शील-विनय गीत गाती है
मन हो सच्चा तन हो अच्छा
शांति की रीत निभायी है!
विश्वास-ख़ुशी पाए धरा
हर चेहरे आज छलकायी है
मजदूर हो या किसान भैया
मन हरियाली छायी है!
चौबीस घंटे सीमा पर
वीरों की पहरेदारी है
देश को सँवारे रखना
अपनी ही जिम्मेदारी है!
हराभरा हो देश अपना
कसम ये सबने खायी है
आजादी भी आजादी का
देखो, जश्न मनाने आयी !
*सातारा (महाराष्ट्र)
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