✍️हमीद कानपुरी
मेरा जाना  सफल तब  यार  होगा।
सनम का जब  वहाँ  दीदार  होगा।
हर इक मौका जिसे स्वीकार होगा।
उसी  का  अब  सुखी संसार होगा।
जहाँ  का  हुक़्मरां  मक्कार  होगा।
वहाँ  जीवन   बहुत   दुश्वार  होगा।
खुशी जां को मिलेगी फिर यक़ीनन,
ज़बां  पर  जब  तेरी  इक़रार होगा।
बिना मतलब  के होगी जब भलाई,
प्रकट दिल से  तभी  आभार होगा।
करोगे काम जब मन को लगाकर,
प्रदर्शन  भी   तभी  दमदार  होगा।
नहीं  अच्छा    लगेगा  जश्न  कोई,
खफा मुझसे  मेरा जब यार होगा।
रहेगा   घूमता   जो    बेसबब  ही,
करोना   काल   में  बीमार  होगा।
*कानपुर
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