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मौसम पानीदार हुआ है



 

✍️अशोक 'आनन'

 

मौसम -

पानीदार हुआ है ।

 

हृदय -

बगुला - पंखी उज्जवल ।

गंगा - जल - सा -

निर्मल      -       निर्मल ।

 

प्राणों का -

आधार हुआ है ।

 

श्रद्धा -

सबके  मन  में  उपजी ।

फिर से -

नभ की शोभा  निखरी ।

 

रूखा मन -

आषाढ़ हुआ है ।

 

माॅस्क पहनने -

मेघ        अड़े       हैं ।

पी. पी. ई. पहन -

पेड़       खड़े       हैं ।

 

लाॅक  डाउन -

बाज़ार हुआ है ।

 

मक्सी ,जिला - शाजापुर ( म.प्र.)

 


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