*बलजीत सिंह बेनाम
इश्क में बावरा करे कोई
तो बताओ कि क्या करे कोई
मुझसे बातें करे सुकूँ की बस
और मेरी सुना करे कोई
मौत हो सामने खड़ी फिर भी
जीने का हौसला करे कोई
मरमरी हाथों से छुए अब तो
संग को देवता करे कोई
रोज़ ही आँखों के दरीचों से
अब्र बनकर उठा करे कोई
*हाँसी,ज़िला हिसार(हरियाणा)
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