✍️सोनल पंजवानी
गौरैया आती
मेरी मुंडेर पर
चहचहाती
खुश हो गाती
प्रीत भरे नगमे
मन लुभाती
मेरे आँगन
करती वो किलोल
मधुर गान
चैन उसे ना
थिरक थिरक के
नाच दिखाती।
मुझे देख वो
और मचल कर
खुश हो जाती।
*निपानिया, इंदौर
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