म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

विश्व योग दिवस और कोरोना उपचार



डॉ. रीना मालपानी


योगाभ्यास नहीं है भारत में नवीन,

यह तो है लगभग 5000 वर्ष प्राचीन।

शरीर और आत्मा के सामंजस्य का अद्भुत है विज्ञान, 

अप्रत्यक्ष रूप से कर सकता जटिल रोगों का निदान।

मन और मस्तिष्क के संतुलन का यह है कारक, 

इसलिए शारीरिक और मानसिक समस्याओं का है निवारक।

किया गया 21 जून का दिन चयनित, 

क्योकि ग्रीष्म कालीन संक्रांति का सबसे दीर्घ दिन है वर्णित।

बनाए प्राणायाम एवं योग को जीवन का अभिन्न अंग, 

फिर किसी भी बीमारी का नहीं होगा संग।

21 जून के दिवस रवि होता उदय प्रथम, 

भास्कर का तेज इस दिन होता सर्वत्र उत्तम।

कोरोना विस्फोट विश्व में निरंतर है जारी, 

अब आई योग से कोरोना को हराने की बारी।

कोरोना कोहराम के बीच प्रारम्भ करना है योग, 

ताकि सम्पूर्ण विश्न बन सके पुनः आरोग्य।

वर्तमान समय में कोरोना का कहर है बरसा, 

योग के अभ्यास से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता सहसा।

योग से पाता मानव आयुष्मान का वरदान, 

क्यों न करे कोरोना त्रासदी में हम सब योग का आह्वान।  

पुरातन पद्धति पर तनिक भी न करें संशय, 

विश्व योग दिवस पर करे प्रतिदिन योग का दृढ़ निश्चय। 

*नागदा ज. उज्जैन


 


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