*डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
खतरा अभी नहीं टला है, सावधान रह,चलो संभल।
आज सुरक्षित रहे अगर तो तभी देख पाएंगे कल।।
खुले बाजार, भीड़-भाड़ से,खूब दिख रही है रौनक,
भीड़भाड़ और लापरवाही,ये घातक होगी बेशक,
संक्रमण को देगी बढ़ावा, ये असुरक्षित चहल पहल।
खतरा अभी नहीं टला है, सावधान रह चलो संभल ।।
सभी के मुंह पर मास्क लगा हो,दिखता नहीं बाजारों में,
होगी कैसे फिजिकल दूरी, जुट रही भीड़ हजारों में,
ऐसे सुरक्षित रहोगे कैसे,मत करिए खुद से ही छल।
खतरा अभी नहीं टला है, सावधान रह, चलो संभल।।
स्वयं सुरक्षा करना अपनी,ये खुद की ही जिम्मेदारी,
ढक रखो मुंह,बाहर जाओ कम ,एक बार करो खरीदारी,
अपनाओ फिजिकल दूरी को, हाथों को सेनेटाइजर मल।
खतरा अभी नहीं टला है, सावधान रह,चलो संभल।।
खतरे को न कम आंकों तुम, मत बरतो लापरवाही,
घर में रहो सुरक्षित अपने, यूं न करो आवाजाही,
जिसका कोई इलाज नहीं अभी, बीमारी वो रही टहल।
खतरा अभी नहीं टला है, सावधान रह, चलो संभल।।
*डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल',धामपुर
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