*श्रीमती शोभा रानी तिवारी
ज्ञान का भंडार है ,भाषाओं का विस्तार है,
जीवन के नींव का पत्थर ,प्रगति का आधार है।
ज्ञान का फैला प्रकाश ,सभ्यता का हुआ विकास,
डूबेंगे जितना मिलेगा उतना, भूगोल विज्ञान का इतिहास ।
पढ़ लिखकर बने बुद्धिमान,यथार्थ से होती पहचान ,
चिंतन भी संभव है, मानव का होता कल्याण।
विचारों में परिवर्तन हो जाता, अंधकार दूर हो जाता,
पुस्तक के प्रभाव से, पूरा जीवन ही बदल जाता।
एक अच्छी मित्र बनकर, मन को आनंदित करती है,
प्रेम करना सिखाती, शब्द को आकार देती है।
दुःख सुख मेंसमभाव रखती ,नैतिकता का पाठ पढ़ाती है,
चुपचाप रहती नहीं बोलती, बिन बोले सब कह जाती है।
उपनिषद और पुराण रामायण गीता और कुरान,
धर्म ग्रंथ सबसे महान हर ग्रंथ को मेरा प्रणाम,
हर ग्रंथ को मेरा प्रणाम ।
श्रीमती शोभा रानी तिवारी,इंदौर मध्य प्रदेश
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