*सुरेश सौरभ
सड़क पर दो कुत्ते बड़ी मस्ती से घूम रहे थे।
पहला बोला-यार बड़ा सन्नाटा लग रहा है। न कोई हमें इधर से उधर भगा रहा है। न कोई लतिया रहा है।
दूसरा बोला-हां यार! चाहे इधर दौड़े, चाहे उधर दौड़ो कोई रोक-टोक भी नहीें कर रहा है।
पहला-बात हम दोनों की सही है, पर यार ऐसे में खाना बड़ी मुश्किल से मिल पा रहा है। बड़ी दौड़-धूप करनी पड़ती है। कभी-कभी तो लगता है कि इस भूख से बेहतर तो उनकी मार थी, जो साथ में कुछ न कुछ खाने को दे दिया करती थी।
दूसरा-अरे! यार चिन्ता काहे को करते हो, जब भगवान ने मुंह चीरा है, तो आज भी कुछ न कुछ कहीं मिल ही जायेगा। जैसे रोज ही मिलता है। काहे! बेवजह इतने हलकान हो।
तभी दो पुलिस वाले निकले, उन्हें देखा। अपने थैले में रखे ब्रेड के टुकड़े निकाल कर उनकी ओर डाल दिया। लाकडाउन में भूख से परेशान उन ब्रेड के टुकडों पर फौरन वे टूट पडे़। अभी दोनों कुत्ते मगन में ब्रेड खा ही रहे थे, तभी उधर से दो आदमी निकल पड़े। पुलिस वालों ने उन्हें रोका। बंदी में टहलने का कारण पूछा तो वे कुछ आंय-बांय-सांय बताने लगे। पुलिस वाले उनसे संतुष्ट न हुए। तब पुलिस वालों ने उन पर धड़ाधड़ लाठियां भांजनी शुरू कीं... हाय! साहब छोड़ दो गलती हो गई।.... नालायकों जब कोरोना में सरकार ने बाहर निकलने पर मना कर रखा है फिर क्यों अपनी ऐसी-तैसी कराने निकल पड़े। क्या सोचा था। पुलिस वाले इनाम देंगे तो फिर लो ईनाम.... आई री आई री.. करके पुलिस की तकड़ी मार खा के वे भागे रहे थे, दोनों कुत्ते ब्रेड खाते हुए उन्हें हैरत से देख रहे थे। तभी पहला कुत्ता दूसरे से बोला-लग रहा है, अपने लोगों के अच्छे दिन आ गये है, जो हम लोगों को खाते-पीते मारते-पीटते रहते थे, आज वही लोग पीटे जा रहें हैं, और हमें आराम से खिलाया जा रहा है। दूसरा बोला-ये भी किस्मत की बात है कि पुलिस हमें खाना और उन्हें लाठी खिला रही है। समय बड़ा बलवान है, आज जो बोया है, वो कल परसो कभी काट ही लेंगे।
पहला बोला-जैसे हम आज काट रहें हैं, वैसे ही आज हम पर जुर्म करने वाले यह मनुष्य काट कर गये हैं। भगवान इनके दर्द की तासीर कम करे।
*सुरेश सौरभ,लखीमपुर-खीरी, उत्तर प्रदेश
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