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नारी संतति ही नहीं संस्कृति की भी दाता है - श्री वर्मा 



धार /- समाज में नारी ने हर क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य से एक नई पहचान स्थापित की है। श्रेष्ठ चुनना बड़ा कठिन काम है। श्रेष्ठ नारी सम्मान लीक से हटकर काम करने वाली महिलाओं का सम्मान है। महिलाओं की भूमिका और पहचान सकारात्मक होना चाहिए इससे सामाजिक परिदृश्य तेजी से बदल जाएगा। आज के परिवेश में हम मंदिरों से दूर होते जा रहे हैं और मदिरालय में भीड़ बढ़ती जा रही है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मूल्यों की स्थापना में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय है। सब्जियों की खेती, दुग्ध उत्पादन जैसे लघु उत्पादक कार्यों में महिलाओं को आगे आना चाहिए ताकि मिलावटी और जहरीले तत्व को जैविक खेती और जैविक खाद के माध्यम से हम और बेहतर उत्पादन कर सके। हर दिन महिला का दिन है आज का दिन विशेष है क्योंकि आज घोषित महिला दिवस है। उक्त विचार मुख्य अतिथि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संतोष वर्मा ने भोज शोध संस्थान के श्रेष्ठ नारी सम्मान समारोह में व्यक्त किए। श्रेष्ठ नारी सम्मान से सम्मानित महिलाओं के कृतित्व का जब उल्लेख हुआ तो पूरा सदन कभी तालियों से गूंजा कभी नारी नारी के प्रति श्रद्धा के आंसुओं से छलका तो कभी ठहाके होने पूरे आयोजन को  रोचक और स्मरणीय बनाते रहे। सम्मान समारोह के विशेष अतिथि अतिरिक्त जिलाधीश श्री शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने श्रेष्ठ नारी सम्मान समारोह के आयोजन को सराहनीय कार्य बताया। उन्होंने कहा कि लड़कियां और महिलाएं किसी से कम नहीं है वह हर क्षेत्र में अग्रणी है। आजादी पूर्व और आजादी के बाद महिलाओं का योगदान विशेष उल्लेखनीय है।  महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और सम्मान कानूनी रूप से देने से नहीं उन्हें महसूस होने पर भी प्रभावी होगा। कार्यक्रम के विशेष अतिथि जिला एवं महिला बाल विकास संरक्षण अधिकारी श्रीमती भारती दांगी ने इस अवसर पर महिलाओं की आर्थिक समर्थता को विशेष रूप से निरूपित किया। उन्होंने विशेष रूप से समान अधिकार को वैश्विक आवश्यकता बताया और कहा कि महिलाओं का समाज निर्माण में विशिष्ट योगदान है, अतः महिला को हर दिन महिला दिवस जैसी अनुभूति होनी चाहिए। सम्मान से महिलाओं की कार्य उर्जा में अभिवृत्ति होती है अतः ऐसे आयोजन का अपना विशेष महत्व है। श्रेष्ठ नारी सम्मान से सामाजिक आधार पर चयनित 6 महिलाओं का सम्मान मोती माला, बाग प्रिंट स्टोल और प्रतीक चिन्ह देकर किया । बालिका संरक्षण एवं न्याय के लिए  श्रीमती ज्योति पाल, महिला उद्यमिता  एवं महिला सेवा संगठनात्मकता के लिए डॉ सृष्टि सिसोदिया, ईमानदारी से गरीबी कों परास्त करने के लिए कलाबाई राठौड़, खेल में अपनी पहचान बना कर देश के लिए स्वर्ण पदक अर्जित करने वाली खिलाड़ी हर्षा इंदुलकर,टीकाकरण  मतदाता जागरूकता, आंगनवाड़ी शिक्षा नवाचार के लिए श्रीमती सुनीता ठाकुर तथा योग कला संरक्षण एवं महिला कौशल उन्नयन के लिए श्रीमती अर्चना मुकाती का सम्मान किया गया।



कार्यक्रम की प्रस्तावना और श्रेष्ठ नारी सम्मान की अवधारणा भोज शोध संस्थान के निदेशक डॉ दीपेंद्र शर्मा ने प्रस्तुत की और अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए ।सम्मानित महिलाओं के कृतित्व का वाचन श्रीमती रितिका श्रीवास्तव, श्रीमती दीपिका शर्मा व कबीर गायक जगदीश बोरियाला ने किया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन श्रीमती अरुणा बोड़ा ने किया। सरस्वती वंदना श्रीमती वैशाली देशमुख और अतिथि परिचय श्री नवीन भवन ने दिया। अतिथियों का स्वागत श्रीमती शबाना पटेल, अर्जुन सिंह सिसोदिया ने किया। आभार शिक्षिका श्रीमती अनीता शर्मा ने व्यक्त किया। पूर्व सम्मानित महिला द्वारा विशेष कार्यकर्ता सम्मान मीडिया प्रभारी राकी मक्कड़, कवि संदीप शर्मा, अतुल कॉलभवर और पराग भोसले का प्रदान किया गया। यह जानकारी कार्यालय प्रभारी सुनीता धारवे ने दी। 


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