प्रो.शरद नारायण खरे
कोरोना पर वार आज तो भैया जी,
उसका तो संहार आज तो भैया जी।
घबराने से कुछ भी हासिल ना होगा,
ज़ोरदार जयकार आज तो भैया जी ।
साफ-सफाई को मानो सबसे बढ़कर,
वह तो है उपहार आज तो भैया जी ।
चीनी मानवता के दुश्मन बन बैठे,
दहल रहा संसार आज तो भैया जी ।
सब कुछ अस्तव्यस्त अब तो इस दुनिया में,
जनजीवन पर मार आज तो भैया जी ।
नहीं गीत,न पल मनभावन,न ही चैनो अमन रहा,
बंद ह्रदय-झंकार आज तो भैया जी ।
मन के हारे हार मिले,और मन के जीते जीत,
मानें ना हम हार आज तो भैया जी ।
चीन बहुत ही वहशी है यह सिध्द हुआ,
हो गाली-बौछार आज तो भैया जी ।
आशाओं का दामन थामो,ज़िन्दाबाद,
साहस के आसार आज तो भैया जी ।
वक़्त चुनौती लेकर आया आज "शरद",
कर लो पैनी धार आज तो भैया जी ।
*प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला(मप्र)
साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/ रचनाएँ/ समाचार अब नये वेब पोर्टल शाश्वत सृजन पर देखे- http://shashwatsrijan.com
0 टिप्पणियाँ