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जिंदगी को इक नया-सा मोड़ दें



*डॉ. अनिता सिंह


जिंदगी को इक 

नया-सा मोड़ दें।

अपनी कश्ती को 

यूँ भवर में न छोड़ दें। 

पार करना है 

कोरोना की लहर को,

खौफ की सारी 

हदों को तोड़ दें।

कैद कर लिजिए

खुद को घरों में 

लोगों से मिलना 

मिलाना छोड़ दें। 

 

*डॉ. अनिता सिंह ,बिलासपुर ,छत्तीसगढ़ 

 


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