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लोक और परलोक में















 

*अभिषेक राज शर्मा


इस समय बिगबॉस की टीआरपी कुछ कम चल रही है समाचार वाले भी परेशान है टीआरपी को लेकर मगर भारत की राजनीति आम जनता के लिए एक मजाक बन गई है।

अभी तक बाथरूम में झांकना शुरू हुआ था, अब लोगों की थाली में भी झांकना शुरू हो गया,

लोग कैसे खाते, कैसा रहन-सहन है।

उधर स्वर्ग लोक में

नारद मुनि के नारायण नारायण की आवाज सुनकर विष्णु जी ने अपनी आंखें खोली सामने पाया कि नारद मुनि मुस्कुराकर तीनों लोको का समाचार सुना रहे थे।

नारद मुनि की कुटिल मुस्कान देखकर विष्णु जी समझ गए जरूर कोई न कोई चटपटी खबर सुनने को मिलेगा।

विष्णु जी नारद से कुटिल मुस्कान का कारण पूछा तो नारद जी नारायण नारायण करते हुए बताया " प्रभु आपके तीनों लोक का हाल खबर ठीक है, पाताल लोक का वर्चस्व संपूर्ण दुनिया में छाया हुआ है।

विष्णु जी बोले" मुनिवर दुनिया का छोड़िए भारत वर्ष के नेताओं का जिक्र करें क्योंकि इन नेताओं के मन की बात और इनकी माया हमें समझ में नहीं आता।

नारद जी बोले"नारायण नारायण प्रभु आपने सत्य कहा भारतीय नेताओं का समझ कोई नहीं समझ सकता।

लक्ष्मी जी बोली"टीवी सीरियल की तरह कहानी बढ़ा चढ़ाकर मत बताओ सीधे-सीधे बताओ कि भारतवर्ष में आज कल क्या चल रहा है।

नारद जी ने विस्तार पूर्वक बताना शुरू किया

" प्रभु भारतवर्ष के राजनेताओं की घटिया बयानबाजी मारियाना गर्त से भी नीचे चली गई है,

आजकल वहां पर मनुष्य नागरिकता संशोधन के विरोध में शाहीन बगीचे में बैठकर विरोध कर रहा है,

गजब की बात कोई उसे महान क्रांतिकारी कदम बता रहा है।

कोई उसे बिकाऊ क्रांतिकारी बता रहा है छी छी,

यहां तक तो ठीक था,

आपको महाकालेश्वर की धरती पर एक गजब का पुरुष है जो मनुष्य के खाने की स्टाइल को देख कर बता दे कि यह व्यक्ति कहां का निवासी है।

अरे प्रभु वहां पर कपड़ों से दंगाइयों का भी पहचान आसान बात है।

अरे प्रभु दो-चार शब्द बोलिए फिर क्या समाचार चैनल वाले उसमें 10 शब्द जोड़कर मसाले डालकर चटपटी खबर बनाकर उड़ा देते हैं, सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ चल जाता है।

अब वहां पर श्रवण कुमार, भक्त पहलाद जैसे युवा नहीं रह गए,

विष्णु जी बोले" मुनिवर भारतवर्ष जैसा भी हो घोर कलयुग में अब वहां पर शांति है।

नारद जी विदक गए

"वाह प्रभु आपने तो 2 शब्द में कितना बड़ा व्यंग कह दिया

आपने श्री कृष्ण का अवतार लेकर धरती पर पापों का सर्वनाश किया।

महाभारत में आपने अर्जुन का सारथी बनकर अर्जुन को आखिर में जीत दिलवाया।

आपको क्या लगता है?

भारतवर्ष में शांति है आपने एक महाभारत कराया था, अरे प्रभु यहां पर आए दिन महाभारत मचा रहता है, इस महाभारत का रंग कुछ और होता है यहां पर जुबानी ब्रह्मास्त्र, जुमला आदि चलाए जाते हैं।

जुबानी अस्त्रों का मार इतना भयानक होता है कि सामने वाला स्वयं आग उगलने लगता है।

प्रभु आप राजनीतिक के चक्कर में ना पड़े क्योंकि राजनीति का अर्थ छल-कपट और प्रपंच से धरती की मनुष्य जाति आए दिन छटपटा रही है प्रभु इनकी माया का कोई पकड़ नहीं है।

 

*अभिषेक राज शर्मा

जौनपुर उत्तर प्रदेश



 














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