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परीक्षा आई (बाल कविता)



*राजीव डोगरा*


परीक्षा आई परीक्षा आई
मन हमारा बड़ा घबराए।
कहीं हम फेल न हो जाए
पर एक थी चीकू रानी
पढ़ती थी कक्षा में हमारी।
थी भी वो बड़ी सयानी
परीक्षा आने पर भी
वो हंसती मुस्काती,
कक्षा में हमेशा प्रथम आती।
हमने भी अब मन में ठानी
और जाकर उस से
पूछी सारी कहानी।
बताओ हमें भी चीकू रानी
कैसी कक्षा में  तुम प्रथम आती?
परीक्षा वाले दिन भी मुसकाती?
हंसती मुस्कुराती बोली चीकू रानी
स्कूल का काम मैं रोज करती
सुबह-शाम दोहराई भी करती।
इसीलिए मैं नहीं घबराती
और कक्षा भी में प्रथम आती हैं।
हमने भी अब मन में ठानी
रोज पढ़ेगे दिल लगा कर।


*राजीव डोगरा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश


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