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बलात्कार समाप्त होंगे संस्कार से



*सुरजीत मान जलईया सिंह * 


भारत धर्म, संस्कृति, परम्परा, रीति-रिवाजों का वह देश जहाँ स्त्री को देवी माना जाता है। वर्ष में देवी पूजन के अनेक पर्वों के मध्य आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि पुरुष मानसिकता के मध्य स्त्री सिर्फ उपभोग तक रह गयी। आधुनिकता की रफ्तार में पुरुष मानसिकता का जो बलात्कार हुआ वह आखिर क्यों? सरकार सिर्फ बोल रही है और मीडिया खबरों का व्यापार कर रही है इनके मध्य अगर कोई खोया है तो वह है भारतीय संस्कृति। बलात्कार कहाँ से और क्यों होता है? यह जानना कोई नहीं चाहता न्याय सब चाहते सिर्फ अपने लिए। बलात्कार प्रारम्भ हुआ हमारी शिक्षा पद्धति में जिसे पूर्णतः पाश्चात्य किया जा रहा है विद्यालय व्यसाय के लिए खोले जा रहे हैं जहाँ शिक्षा के नाम पर परोसा जा रहा है पाश्चात्यता को नियमावली में परिवर्तन ने हर किसी को पास करने का सुअवसर प्रदान किया और जन्म हुआ बेरोजगारी का संस्कृति, संस्कार की पाठशालाएँ समाप्त हों गयीं अगर कुछ आया तो आधुनिक शिक्षा के नाम पर तकनीकि जिसने न जाने कितने युवाओं की मानसिकता का बलात्कार किया है। तकनीकि ने प्रदान कर दिया बहुत कम पैसे में मोबाइल, इन्टरनेट जो आज हर युवा की जिन्दगी की वह विटामिन है जिसके बिना उसका शरीर काम नहीं करता। और वह बिना रोक-टोक अश्लील वीडियो दिन रात देख रहा है यह सब हो रहा है सरकार की नाक के नीचे सरकार चाह कर भी बंद नहीं कर पा रही है इन अश्लील वीडियो की साइटों को जो कुछ हमें परोसा जा रहा है वह तय करता है बलात्कार की परिधि आप नेट खोलिए सेक्स वर्धक दवाओं का दावा करने वाले प्रचारों की बाढ़ सी आई होती है अखबार खोलिए दो चार सेक्स वर्धक दवाओं के विज्ञापन मिल जायेंगे टी वी चैनल खोलिए सेक्स वर्धक विज्ञापन वहाँ भी होंगे बलात्कार पर डिबेट होगी और विज्ञापन में होगी सेक्स वर्धक दवाओं की बिक्री आखिर हम कर क्या रहे हैं कहीं न कहीं खुद के साथ भी बलात्कार। सिर्फ बलात्कार के दोषियों को सजा दिलाने से बलात्कार समाप्त नहीं होंगे बलात्कार समाप्त होंगे संस्कार से शिक्षा से जहां हमारे चरित्र का निर्माण होगा।

 

*सुरजीत मान जलईया सिंह 

दुलियाजान, असम






9997111311






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