Subscribe Us

खुशियों की बहार लाई (कविता)











*खुशबू*

 


खुशियों का समाहार है ,

दीपावली का आया त्योहार है

दीपावली आई दीपावली आई 

गलियों गलियों में खुशियां लाई।

खुशियां मनाते बहन और भाई

दीपावली आई दीपावली आई।

दीपावली के दिन 

हम दीप जगाते 

दुखों का अंधकार मिटाते।

सब मिलकर मिठाई बनाए

घर घर में जाकर 

बांट कर खाए।

दीपावली आई दीपावली आई 

खुशियों की बहार लाई।

 

*खुशबू ( कक्षा नौवीं ,राजकीय उच्च विद्यालय ठाकुरद्वारा)




 













शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-


अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com


या whatsapp करे 09406649733



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ