म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

दीवाली है (कविता)










*संजना*



दीवाली है हमारा त्योहार,

घर-घर मे है खुशियाँ हजार।

घर-घर मे हैं दीप जलाये,

श्री राम की याद दिलाये।

दीवाली है हमको भायी, 

खुशियों की बोछार है लाई।

लक्ष्मी माँ की पूजा करते,

खुशियों की हम झोली भरते।

दीवाली को मनाते हैं, 

लोगों को मिठाई खिलाते हैं।

लक्ष्मी माँ घर मे आई है,

दीवाली की शुभकामनाएँ लाई है।

 

*संजना (कक्षा-नौवीं,राजकीय उच्च विद्यालय,ठाकुरद्वारा)




 













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