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दीपावली दीपो का त्यौहार (लेख)











*सुनील कुमार माथुर* 


दीपावली दीपो का त्यौहार है । रोशनी का त्यौहार है । दीपावली पर हर कोई मां लक्ष्मी से यही प्रार्थना करता है कि हे मां ! सर्वत्र सुख , शांति व समृद्धि बनी रहे । कहा जाता है कि जहां रोशनी रहती है  वहां देवी देवता प्रसन्न रहते है । कहते हैं कि दीपक बिना ना पूजा होती है और ना ही पूजा पूरी होती है ।


दीपावली पर धनतेरस से लेकर दीपावली तक दीपक अवश्य लगाये जाते है  । जहां दीपक जलता है वहां प्रसन्नता रहती है । दरिद्रता व बीमारियां दूर होती हैं । दीये जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं । सुख, शांति व समृद्धि बनी रहती है । पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है । घर में बरकत बनी रहती है  मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है ।


धन की वर्षा होती है । इस त्यौहार पर महिलाएं घर आंगन में  बैठकर रंगोली सजाती है । चूंकि  यह उत्साह व उमंग का त्यौहार है । वैसे भी भारत वर्ष पर्वों व त्यौहारों का देश है । कुछ नया कर गुजरने का मन करता है । आज हम रोशनी के इस त्यौहार पर सब कुछ भूलते जा रहे है । दीपावली के बारे में पत्र पत्रिकाओ में ऊट पंटाग लेख छपते रहते है विज्ञापनों की भरमार रहती है जिन्हें दीपावली विशेषांक न कहकर अगर विज्ञापन विशेषांक कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा ।


दीपावली पर आज दीपको का स्थान रंग बिरंगी लाईटो ने ले लिया है  । आज त्यौहार त्यौहार न रहकर मात्र एक औपचारिकता रह गया है । दीपावली भगवान रामचन्द्र जी के  14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है । यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन हैं । यह प्रेम, स्नेह व भाईचारा बढाता है । दीपावली सबके जीवन में सुख, शांति व समृद्धि लाये । कडवाहट, कटुता व आपसी मन मुटाव दूर कर नये जीवन की शुरूआत करें व प्रेम का दीपक जलाये । 


मिठाई की मिठास की तरह सबके मन में  मिठास आये और  एक दूसरे के साथ स्नेह बढाये । ज्योत से ज्योत जलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो  आपके मन में प्रेम इतना गहरा हो कि लोग आश्चर्य करे कि अमावस्या की अंधेरी रात में चांद कहा से निकल आया । अर्थात् लोग यकायक मन मुटाव भूलकर एक दूसरे के हितैषी कैसे बन गये । जीवन मंगलमय बना रहें । भगवान सभी को तन , मन , धन से खुश रखे । 


दीपावली के इस पावन अवसर पर सभी के घरों में आदर्श संस्कारों की वर्षा हो । चारों ओर शांति, सुख समृद्धि व खुशहाली हो । भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र हो । विकास  , उन्नति  , प्रगति  , उत्थान का चक्र सर्वत्र चलता रहे । लक्ष्मी की हम पर सदैव कृपा बनी रहे । संयुक्त परिवारों का पुर्नगठन हो । दरिद्रता का नाश हो  दियों की जगमगाहट हो सर्वत्र अंधकार  , अज्ञानता का नाश हो और प्रकाश और शिक्षा की लौ को आगे बढाये । 


दीपावली दीपो का त्यौहार है । अतः दीपक के तेल की एक एक बूंद का आनंद ले और दीपक की लौ से प्ररेणा ले । सर्वत्र विधा रूपी प्रकाश फैलाये । दीपावली  के बाद भाईदूज मनाई जाती हैं  । इस दिन बहने भाई के टीका लगाकर हाथ में पकवान देती है और भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन कलम व दवात के साथ करते हैं । कायस्थ समाज भाईदूज पर भगवान चित्रगुप्त जी की शोभायात्रा निकालते है और शोभायात्रा की समाप्ति पर प्रसादी करता है ।


दीपावली के इस पावन अवसर पर आपका हर सपना पूरा हो , शोहरत की बुलंदियों पर आपका नाम हो । यही मैं मां लक्ष्मी  , सरस्वती व गणेश जी से प्रार्थना करता हूं कि सभी देशवासियों के जीवन में खुशहाली लाये और उनकी मनोकामना पूर्ण करे । शुभ दीपावली । मंगलमय हो दीपावली । 


*सुनील कुमार माथुर ,33 वर्धमान नगर शोभावतो की ढाणी खेमे का कुआ पालरोड जोधपुर  ( राजस्थान )












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