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चलो जलाएं हम अपना रावण (कविता)






*मीना गोदरे अवनि*

 

चलो जलाएं हम अपना रावण

अपने दुर्गुणों का हम करें क्षरण

अहंकार का अपने कर दें दमन

न होने दें अपने गुणों का पतन,

जीत लें पहले अपना अंतःकरण

मर जाएगा खुद ही छलिया रावण

मति मूढ़ हुई जो उसने किया हरण

जीतेगा जो एक दिन जन्म मरण

सबको देगा एक दिन जो सुशरण

 मोक्ष लक्ष्मी  दशानन करेगा वरण

तीर्थंकर बनेगा,सबका तारण तरण

दुष्ट प्रवृत्तियों का आओ करैं तर्पण

करें राम आराधन सद्व्रत्ती से अर्पण

 

*मीना गोदरे अवनि, इंदौर






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