*लालित्य ललित*
1/
जिंदगी माने
तुम
केवल तुम।
2/
महोब्बत माने
जिंदगी भर आलिंगन का एम ओ यू
नहीं समझे घोंचू
अनुबन्ध
नहीं समझे
एग्रीमेंट
पागल हो
कसम से तुम तो।
3/
तुम्हारे साथ
जिंदगी का स्वाद बढ़ जाता है
कल्पना करूँ
यदि तुम न होती
जिंदगी में मेरी
सराय से घर में
घर का मालिक भी किरायेदार सा लगता है।
4/
एक -एक सिप में
जान जाती हो
मेरे दिल का हाल
पूरा पी कर ही मानोगी
यह सूप मेरा है
तुमने क्या समझ लिया था
कि
मैं।
5/
कसम से तुम्हारे सीने से लगती हूँ
तो
लगता है
कहीं और जाने का मन नहीं
कितना धड़कता है
बाई गॉड
इत्ता प्यार करते हो
मुझे।
6/
चुम्बन प्यार का एग्रीमेंट
संसर्ग
जीवन का
दुनिया में साथ रहने का शादी से बड़ा कोई उपहार नहीं
जो माँ-बाप ने दिया।
7/
लिव इन /
लिव इन में रहे
नया लोचा
आम सहमति से
बांट लिया खुद को
खुद से
खुदा मौन।
8/
ऐसा नहीं कि
हनीमून शब्द से निरक्षर अनजान है
किसी से सुना
मसूरी के माल रोड पर
ये होवे हनीमून
यू तो म्हारे खेता में रोज होवे था।
9/
कसम से जब शब्द का मतलब पता न हो
तो
टांग न अड़ाओ
बेमतलब
नारी विमर्श निकल जाता है।
10/
उसने चोरी की
फेसबुक पर हल्ला हुआ
बिरादरी से बाहर
उसकी आदत बेदस्तूर जारी है
आप में दम है तो
रोके
अन्यथा यह कीचड़ भी माथे लगा।
11/
औरत को समझना
बेहद मुश्किल है बॉस
वह घर की धुरी होती है और
आत्मा भी
और आप नालायक ठहरे
उसे ही दुत्कारते हो
निर्लज्ज शराब पीना छोड़ कर
कभी दो घड़ी उसका हाथ बटाया करो
कभी बच्चों के पास बैठा करो
बोलो दो दूनी चार
पांच नहीं
हरामखोर!
12/
तुम्हारे स्पर्श में
जिंदगी की नांव है
कसम से
उसने कहा-जरा ध्यान से ले चलना
वरना डुबोना मैं भी जानती हूँ।
13/
लड़कियां प्यार करती है
जताती नहीं
लड़के भी करते है प्यार
साले महल्ला उठा देते है
बुलेट में साइलेंसर की ऐसी तैसी कर।
14/
कुछ प्रकाशक
नई लेखिकाओं को अपना चारा समझते है
खाने की फिराक में रहते है
उनसे बचना तुम
वे अव्वल दर्जे के सुअर ठहरे।
15/
स्त्री जीवन भर का
समझौता कर लेती है
घर से
उसके सदस्यों से
क्या
उसे अधिकार नहीं
कि वह भी खुले में सांस ले सकें
उसके साथ भी टाइम स्पेंड करो
करो उसके मन की भी।
16/
तुम्हारे मेरे बीच में
कौन सी रेखा है
जो जोड़े रखती है
बाई गॉड की कसम।
वो फ़िल्म वाली रेखा तो बिल्कुल नहीं
जो है
उसके नाम से भी अपरिचित हूँ
पता लगते ही शेयर करूंगा।
17/
जान आई लव यू
जरा अपनी लोकेशन सेंड करना
मोबाइल पर संदेश चमका
उसने रिप्लाई दिया।
बैटरी लो
जान
प्लीज वैट
एंड मोबाइल ऑफ।
कितना पकाती है
ये लड़कियां
क्या हमारे पास इत्ता टाइम है कि
इनकी सुनो
मालूम होना चाहिए कि और भी काम है
प्रेम के सिवाय
बात करती हैं।
18/
बस का प्यार जमाना हुआ
मेट्रो में पींगे भरी
सी पी में इश्क हुआ
कॉफी होम में मसाला डोसा के साथ
ग्रीन लाइन में चुम्मा एक्सचेंज हुआ
अगला स्टेशन लाजपत नगर है
सभी दरवाजे बाई और खुलेंगे।
19/
उसने शादी नहीं की
पूछा तो जवाब मिला
जब टैक्सी है तो कार क्यों लूँ
आज एड्स से पीड़ित अस्पताल में आखिरी सांसे ले रहा।
20/
उसको चस्का है
हिंदी का
उसके बहाने टीचर ले आता है
ड्यूटी फ्री शॉप से
आखिर मिल बैठ कर
हिंदी के उठान पर विमर्श भी तो करना है।
21/
फ्लेट वाली का सम्वाद
(जनता फ्लैट्स)
आमने सामने का
तेरा मर्द कैसा है रे।
बहुत मारता है
सरकार उसको मारेगी
मरता भी तो नहीं साला
और
तेरा
बहुत प्यार करता है
मोबाइल में रबचिक दिखाता है
कहता है ऐसे ही करने का
बहुत गंदा है रे
अपन इस टाइप की नहीं रे
पर मजबूरी है बॉस
पर प्यार रज के करता है
कहता है तुम न
मेरी सोनाली बेंद्रे हो
अपुन भी कह देती है
तुम न
अपने अजय देवगन हो
साला मस्त है।
22/
उसने किताब लिखी
मुझे दी
मैंने उसे शुक्रिया कहा और
उसे पढ़ लिया
कहा कि तुम्हारी किताब
तुम्हारी ही तरह बात करती है मुझसे।
23/
उसे देश को देखने का शौक
मुझे उसे
उसे देखा
देश देखा
नो खर्चा
नो आतिथ्य।
24/
उसने छू लिया
उसे
उसने भी
आज उनके घर गूंज है
नए सदस्य के आगमन की।
25/
पति पत्नी घर बनाते है
समाज भी
खुशियां भी
लिव इन में रहने वालों से
पूछना तो।
जानते है वे इस खुशी का मतलब
जीवन में देह के सरोकार से आगे निकल चुकी है दुनिया और
समझ भी।
26/
सड़क के चौराहे पर
भविष्य
भीख मांग रहा
नेता जी का पोस्टर उसे चिढ़ा रहा
हमने कितना विकास किया
हँसता हुआ पोस्टर
भविष्य के मुंह पर तमाचा था।
27/
वह पुरुस्कार के पीछे दौड़ी
निर्णायक समिति के समक्ष बिछी
ले गई
दौड़ वकाई तगड़ी थीं।
28/
उसने मक्खन लगाया
उसे चाटने का शौक था
दोनों एक थाली के चट्टे बट्टे
एक ने लगाया
दूसरे ने चाटा।
29/
पत्नी ने घर बनाया
पति ने उसे संवार दिया
दोनों पुरक् है
घर के और जिंदगी की गाड़ी के।
30/
हमसफ़र बड़ा मीठा शब्द है
आज मीठे से परहेज है
पर हमसफ़र नहीं
उसे गुजरे हुए जमाना हुआ
रोशनलाल ने चमनलाल सप्रू से कहा।
31/
प्यार चिड़िया का नाम है
जिंदगी से ऐसे गायब हुआ
जैसे कंक्रीट के जंगल से चिड़िया
ढूंढने पर भी नहीं मिलती
कम्प्यूटर पर देख खुश हो लेते है
जैसे होली पर
रंगों के बजाए फिल्मी गाने
जीवन में रंग भर देते है।
*डॉ लालित्य ललित, संपादक नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली
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