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बाल कहानी संग्रह असली जीत का लोकार्पण


कोटा। कथाकार विजय शर्मा की बाल कहानी कृति असली जीत का लोकार्पण किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ प्रभात सिंघल और अध्यक्षता ख्यातनाम साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही द्वारा की गई।

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कि बच्चों को उनके साहित्य से आत्मसात् कराना ही बाल साहित्य सृजन का मूल उद्देश्य होता है। इससे बच्चे अपने परिवेश से ही सीखते हुए आगे बढ़ते हुए अपनी सोच को परिपक्व कर पाता है।

मुख्य वक्ता कथाकार एवं समीक्षक विजय जोशी ने कहा कि कहानीकार ने बालकों के मन की तह तक जाकर उनकी सार्थक उपस्थिति को साकार तो किया ही है साथ ही बच्चों के आचरण और उनके वैचारिक प्रवाह को दिशा भी दी है और उनके रचनात्मक कौशल में अभिवृद्धि करने का मार्ग भी प्रशस्त किया है।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्यामा शर्मा ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों तक पहुँचे और उनकी मानसिकता के अनुरूप लिखा जाए जिससे वह अपने कौशल को विकसित कर सके।

कहानीकार विजय कुमार शर्मा ने कहा कि मनोरंजन के साथ बच्चों को नैतिक शिक्षा मिले और उनका सर्वांगीण विकास हो इसी भावना को ध्येय बना कर मैंने इस बाल कहानी संग्रह असली जीत की रचना की जिसमे कहानी रूपी विभिन्न रंग के सुंदर पुष्प है।इसका हर एक पुष्प अलग अलग भावनाओं के रंग और सुगंध से परिपूर्ण है।

संचालन गीतकार मुरलीधर गौड़ ने किया तथा सरस्वती वंदना साहित्य सेवक रामगोपाल शर्मा ने प्रस्तुत की तथा डॉ. तनय शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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