उज्जैन। शरदोत्सव के पावन पर्व पर मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन और श्री सूर्य मुनि पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में हिंदी और मालवी के कवि गीतकार डॉ राजेश रावल सुशील को उत्कृष्ट रचनाधर्मी सम्मान प्रदान किया गया।
कवि सम्मेलन के प्रारम्भ में सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन अतिथियों द्वारा किया गया, सरस्वती वंदना उज्जैन से पधारे डॉ राजेश रावल सुशील ने की। कविता पाठ के क्रम में सर्वप्रथम रतलाम से आए कवि संजय परसाई ने अपनी हास्य-व्यंग्य कविताओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया, इनके बाद राजु गजभिए ने अपनी कविता का पाठ कर दादा बटोरी।
बदनावर के ही ख्यात हास्य कवि गोपाल कावलिया ने अपनी चिर-परिचित शैली में श्रोताओं को खुब ठहाके लगवाए। कवयित्री सुश्री प्राची छाजेड़ ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया खासकर इनकी मां वाली कविता ने सभी को प्रभावित कर दिया, बदनावर की ही कवयित्री श्रीमती नेहा शर्मा ने अपने गीत, ग़ज़लों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनके बाद झाबुआ से पधारे कवि मनोज जैन मनोकामना ने अपनी सुमधुर आवाज में गीतों की प्रस्तुति दी जिस पर उपस्थित श्रोताओं की भरपूर तालियों से सदन गूंज उठा ,इंदौर साहित्यकार द्वय मुकेश तिवारी व देवेन्द्र सिसोदिया ने अपने उद्बोधन में अपने संस्मरण सुनाए साथ ही अपने अपनी रचना का पाठ भी किया जिसे श्रोताओं द्बारा सराहा गया।
उज्जैन के कवि डॉ. राजेश जी रावल सुशील ने अपनी श्रेष्ठ कविताओं का सस्वर वाचन किया उनके मालवी गीतों पर श्रोता झूम उठे, अंत में कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे गीतकार अमितोष माथुर मीत ने अपना प्रतिनिधि मालवी गीत सुनाया जिसको श्रोताओं का भरपूर स्नेह मिला ।
अंत में आभार ट्रस्ट के प्रमुख राजेश जैन फूलजीबा द्वारा माना गया, अध्यक्ष बोकड़िया,अशोक संघवी, अशोक लोड़ा, विमलेश पगारिया द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया गया । शरद पूर्णिमा पर दूर से आए श्वास रोगियों को खीर के साथ दवा का वितरण किया गया।
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