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डॉ. दिलीप धींग को पारदर्शी साहित्य सम्मान


चेन्नई। अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम का राष्ट्रीय अधिवेशन 20-22 सितंबर को लोढ़ा धाम, मुंबई में हुआ। 21 सितंबर को अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग को पारदर्शी साहित्य सम्मान (2024) से सम्मानित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र शासन में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, साहित्य संगम की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजू लोढ़ा, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक डॉ. लोकेशमुनि सहित देशभर से बड़ी संख्या में जुटे कवि और साहित्यकार उपस्थित थे।

यह राष्ट्रीय सम्मान ओम पारदर्शी फाउंडेशन, उदयपुर की ओर से डॉ. धींग की उल्लेखनीय साहित्यिक सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन ‘हर्षदर्शी’ ने कहा कि साहित्य मनीषी डॉ. धींग के अवदान बहुआयामी हैं। इंदुबाला हर्षदर्शी ने बताया कि यह सम्मान देहदानी आशुकवि छंदराज पारदर्शी की स्मृति में प्रतिवर्ष प्रदान दिया जाता है।

राज्यपाल गहलोत ने डॉ. धींग को बधाई देते हुए कहा कि लिखा हुआ सदियों तक रहता है, इसलिए लिखने का महत्व बोलने से अधिक है। जैन साहित्य का महत्व रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अनेक देशों के विश्वविद्यालयों में जैन दर्शन का अध्ययन-अध्यापन प्रेरणादायक है। देश की स्वतंत्रता से पूर्व भी और बाद में भी जैन समाज और जैन साहित्य का योगदान सदैव बना हुआ है। डॉ. मंजू लोढ़ा ने कहा कि देने से पुण्य बढ़ता है। अतः यथा अवसर दूसरों की मदद करें। देवेन्द्र ब्रह्मचारी ने कहा कि रचनाकार बोलचाल की भाषा को साहित्यिक भाषा बनाते हैं।

इस अवसर पर पदमचंद गांधी के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. दिलीप धींग ने कहा कि प्राकृत भाषा ने भारत में भाषाई लोकतंत्र की प्रतिष्ठा की है। भाषागत अहिंसा में भी प्राकृत का बुनियादी योगदान है। डॉ. धींग ने साहित्यिक घालमेल पर चिंता व्यक्त की एवं लेखन में प्रामाणिकता की प्रेरणा दी।

अधिवेशन के विभिन्न सत्रों में जैन साहित्य संगम, तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ इकाई एवं तमिलनाडु प्रदेशाध्यक्ष सीए गौतमचंद बोहरा को श्रेष्ठ सदस्य सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त मंत्री अमित मरडिया, अलंकार आच्छा, गौतम एवं रमेश बोहरा को साहित्यिक योजनाओं में विशेष अनुदान के लिए भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया गया। चेन्नई के गौतमचंद बोहरा के संस्मरणों की पुस्तक ‘दीदार दिल से’ और कपूरचंद सेठिया की काव्यकृति का विमोचन हुआ। अधिवेशन में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी में विभिन्न विधाओं की सर्वाधिक 11 पुस्तकें डॉ. दिलीप धींग की प्रदर्शित हुईं।

अधिवेशन में राष्ट्रीय महामंत्री मनोज जैन मनोकामना, डॉ. प्रकाश दक, कैलाश तरल, विजयसिंह नाहटा, ‘अहिंसा क्रांति’ के संपादक मुकेश नाहर, सहसंपादक सुरेन्द्र मुणोत, सागरमल सराफ, डॉ. पूनम गुजरानी सहित अनेक राज्यों से पधारे रचनाकरों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दीं। संगम की अनेक इकाइयों और सदस्यों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। लोढ़ा फाउंडेशन की उत्तम व्यवस्था की सबने प्रशंसा की।

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