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दृष्टि गुना द्वारा महाराणा प्रताप एवं महाराज छत्रसाल जंयती पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन


गुना। सामाजिक साहित्यिक आध्यात्मिक संस्था दृष्टि गुना द्वारा महाराणा प्रताप एवं महाराज छत्रसाल जंयती तथा स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन मानस भवन गुना में किया गया। 

तदाशय की जानकारी कवि सम्मेलन के सूत्रधार एवं संयोजक अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने देते हुए बताया कि औरैया से सुप्रसिद्ध ओज कवि अजय 'अंजाम', उज्जैन से आशुकवि डा नरेंद्र सिंह अकेला, भोपाल से संगीता सरल और नम्रता श्रीवास्तव, ब्यावरा से कन्हैयालाल राज, राघौगढ़ से कृष्ण गोपाल वशिष्ठ, गुना के गीतकार सुनील शर्मा चीनी अपनी रचनाओं ने शमां बांध दिया। 

श्री सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि अजय 'अंजाम' ने चेतक पर लिखी कविता का जैसे ही पाठ किया सारा मानस भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कविता का अंतिम चरण बेहद संवेदनशील करुणा से ओतप्रोत था। जिसमें महाराणा चेतक को वचन देते हुए कहते हैं, 'जब तक राणा जिंदा है मेवाड़ गुलाम नहीं होगा। बिना चेतक के महाराणा की कोई मूर्ति नहीं होगी।' उज्जैन से पधारे आशुकवि डा नरेंद्र सिंह अकेला ने 'अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो' पर खूब वाहवाही बटोरी। ब्यावरा के गीतकार कन्हैयाराज और राघौगढ़ के कवि कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने भी अपनी रचनाओं का जादू बिखेरा।

भोपाल की कवयित्री संगीता सरल और नम्रता श्रीवास्तव ने अपनी रचनाओं से वातावरण को खुशनुमा बना दिया। स्थानीय कवि सुनील शर्मा चीनी ने अपने गीतों की सुगंध से सारा मानस भवन महका दिया। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कवि अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने जहां एक ओर अपने चुटीले अंदाज से श्रोताओं को गुदगुदाया वहीं ओजपूर्ण रचनाओं से वातावरण में राष्ट्रीय भावना पूर्ण कर दिया। इस अवसर पर करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मान सिंह भदौरिया सहित प्रदीप राजावत, प्रहलाद सिंह राजपूत, महेश जैन, निरंजन भाया कसेरा, राजेन्द्र शर्मा, बृजेश श्रीवास्तव, कोमल प्रसाद शाक्य, हरीश सोनी, जयराम सिंह विसेन, हरिओम श्रीवास्तव, शैलेंद्र शर्मा, कैलाश नारायण बंसल, मधुसूदन अन्वेकर, शंकर राव मोरे, जिनेन्द्र जैन, फरीदा बानो आदि ने मंचासीन कवियों का पुष्पहार से स्वागत किया।

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