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गीतकार माहेश्वर तिवारी का निधन


'एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है' गीत के रचयिता माहेश्वर तिवारी का 16 अप्रैल की सुबह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (के गौर ग्रेसियस) स्थित निवास में निधन हो गया। 22 जुलाई 1939 को उ.प्र. के बस्ती (अब संत कबीरनगर) के मलौली गाँव में जन्मे माहेश्वर तिवारी जी 'हरसिंगार कोई तो हो', 'नदी का अकेलापन', 'सच की कोई शर्त नहीं' और 'फूल आए हैं कनेरों में' नवगीत-संग्रहों के प्रकाशन से विख्यात हुए थे। वे नवगीत के सशक्त पुरोधा थे। वे गोरखपुर, वाराणसी, होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) और विदिशा में रमने के बाद मुरादाबाद में स्थाई रूप से बस गए थे तथा अपनी साहित्य-साधना में निरंतर लगे रहे। दो दशकों तक प्राध्यापन-पत्रकारिता करने के बाद वे स्वतंत्र लेखन करते रहे।

वे सन् 2016 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा 'यश भारती' और बरेली के 'विष्णु प्रभाकर स्मृति साहित्य सम्मान-2011' सहित ढेरों पुरस्कारों से सम्मानित थे। वे अच्छे नवगीत-गीतकार तो थे ही, अत्यंत सरल-सहज-मृदुभाषी व्यक्ति भी थे। शब्द प्रवाह की ओर से माहेश्वर तिवारी जी को सादर विनम्र श्रद्धांजलि!

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