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समय (कविता) -डॉ खुशबू बाफना


अजीब सा खेल है समय का 
हर किसी के लिये महत्व है समय का 
समय कभी एक सा नहीं हुआ किसी का
बदलता है यह हर किसी का
धूप तो कभी छांव बनकर आता है समय
पतझड़ तो कभी सावन बन जाता है समय
कभी खुशी तो कभी ग़म दे जाता है यह 
कभी आंखों में आंसू तो कभी 
होठों पर हँसी लाता है यह 
बड़ा बलवान होता है यह समय 
राजा को रंक तो कभी रंक को 
राजा बनाता है यह समय
समय चलता है और चलता ही रहेगा 
कोई सफल तो कोई असफल होता ही रहेगा 
समय होता बड़ा निराला, 
आगे इसके हर कोई हारा
देव, दानव, व मानव होता 
नतमस्तक जग सारा
आज को कल और कल को 
आज में बदलता है यह
पूरी सृष्टि को अपने हाथों से नचाता है यह
यह दिन -रात भी , यह सुबह- शाम भी है
है यह फूलों की खुशबू तो कांटों की मार भी है 
है सूर्य का तेज इसमें 
तो चंद्रमा सी शीतलता भी है 
है इसमें हार तो जीत भी है,
इसमें निराशा तो आशा भी है
समय है बड़ा कीमती, 
पूरी दुनिया इसमें सिमटी
यह है प्रकृति की ऐसी कृति, 
जाने जिसे पूरी सृष्टि 

डॉ खुशबू बाफना,उज्जैन

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