Subscribe Us

ढूंढ उनमें जो (ग़ज़ल) -कैलाश मण्डेला


मत समझ तुझ पर उन्हें विश्वास है।
यह समय का मात्र इक आभास है।।

वाग्जालों से जिन्हें बहला रहे।
अब उन्हें भी श्रवण का अभ्यास है।।

साथ होगा कौन तेरे जान ले।
ढूंढ उनमें जो अभी तक पास है।।

राधिका यदि साथ में होगी नहीं।
व्यर्थ सा तब कृष्ण का हर रास है।।

है बहुत ही कीमती सच जान ले।
पंच तत्वों में बची यदि श्वांस है।।

खीझ मत आनंद ले जीवन क्षणिक।
है कभी सुख तो कभी संत्रास है।।

बात मंडेला कहें जो ठीक हो।
आपका व्यक्तित्व ही प्रन्यास है।।

-कैलाश मण्डेला, शाहपुरा


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ