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राम नाम के तेज से (दोहे) -डॉ शरद नारायण खरे


राम नाम है वंदगी,राम नाम जयगान।
राम नाम सुख-चैन है,राम नाम उत्थान।।

राम नाम में ताप है,राम नाम में साँच।
राम नाम हो संग तो,नहिं आती है आँच।।

राम नाम सुख से भरा,राम नाम रसधार।
राम नाम के तेज से,महके नित संसार।।

राम मोक्ष हैं,दिव्य हैं,जग के पालनहार।
राम शरण में जो गया,हो जाता भव पार।।

राम नाम तो सूर्य है,राम नाम अभिराम।
राम नाम आवेग है, नित ही तीरथधाम।।

राम नाम शुचिता लिए,राम नाम में सार।
राम नाम वरदान है,राम नाम उपहार।।

राम नाम उजियार है,दे जो तम को मार।
राम नाम यशगान है,राम नाम जयकार।।

राम नाम मधुरिम-सुखद,राम नाम उद्घोष।
राम नाम है वंदगी,राम नाम है जोश।।

राम नाम आशीष है,राम नाम विश्वास।
राम नाम तो आस है,है नेहिल अहसास।।

राम नाम तो ज़िन्दगी,है जीने का भाव।
राम नाम में ताज़गी,कोई नहीं अभाव।।

राम नाम तो सत्य है,जो देता मुस्कान।
करके हर जीवन सुखी,रचता जो नित मान।।

-डॉ शरद नारायण खरे,मंडला



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