हम वही काम कर के देखेंगे
जाम खुशियों से भर के देखेंगे।
आज फिर सज संवर के देखेंगे।
हाल ज़ुल्मों ज़बर के देखेंगे।
इम्तिहां से गुज़र के देखेंगे।
आम अफ़वाह कर के देखेंगे।
बद नताइज़ ख़बर के देखेंगे।
जिसको चाहा था जान से ज़्यादा,
अब सितम उस नज़र के देखेंगे।
लोग कहते जिसे बहुत मुश्किल,
उस डगर से गुज़र के देखेंगे।
एक मोती की है बड़ी ख़्वाहिश,
आज गहरे उतर के देखेंगे।
लोग जिससे डरा रहे हमको,
हम वही काम कर के देखेंगे।
-हमीद कानपुरी, कानपुर
1 टिप्पणियाँ
Bahut khoob
जवाब देंहटाएं