जिसकी जैसी आदत है
वो मानव खुश किस्मत है।
सर पर जिसके इक छत है।
जिसके दिल में उल्फ़त है।
उसको हर सू राहत है।
ठीक अगर हो सब कुछ तो,
करता कौन शिकायत है।
जीवन जीता वैसा ही,
जिसकी जैसी आदत है।
माँग अगर हो ज़्यादा तो,
देता कौन रियायत है।
-हमीद कानपुरी, कानपुर
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