बांट दिए घर -
दीवारों ने ।
आंगन , बिरवा -
बंटी रसोई ।
नीम के संग -
तुलसी रोई ।
ख़ूब मनाया -
मनुहारों ने ।
द्वार , देहरी -
बंटी बारियां ।
खेत , खलिहान -
बंटी गाड़ियां ।
घर सुलगाया -
अंगारों ने ।
अपनत्व की -
बयार आए न ।
घर के अंदर -
धूप जाए न ।
घर लूट लिया -
बाज़ारों ने ।
घर ने अभिनय -
बख़ूबी निभाया ।
तनिक न धड़का -
किसी का जिया ।
घर - घर खेला -
किरदारों ने ।
-अशोक ' आनन ', मक्सी (म.प्र.)
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